श्री ग्रामसेवा मंडल वांसदा द्वारा संचालित श्री सांदीपनि आश्रमशाला उपशल में”44″ वें स्थापना दिवस समारोह उत्सव मनाया गया।

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श्री ग्रामसेवा मंडल वांसदा द्वारा संचालित श्री सांदीपनि आश्रमशाला उपशल में”44″ वें स्थापना दिवस समारोह उत्सव मनाया गया।

 वांसदा/नवसारी (गुजरात) : वांसदा तालुका के भीतरी इलाकों के आदिवासी बच्चों में संस्कृति विकसित करने का एक बड़ा उदाहरण, प्रतिभाशाली छात्रों, पूर्व छात्रों और दानदाताओं के साथ सांदीपनि के आश्रमशाला उपशल द्वारा संचालित ग्रामसेवा मंडल वांसदा का “44 वां” स्थापना दिवस समारोह मगनभाई बी.पटेल आईएएस सेवानिवृत्त कलेक्टर ने की अध्यक्षता में उत्सव मनाया गया था।

 उपशल आश्रमशाला की स्थापना 01/02/1980 को हुई थी जो अपने “44वें” मंगल प्रवेश के अवसर पर ग्रामसेवा मंडल अध्यक्ष राकेशभाई चौधरी उपाध्यक्ष विजयभाई माहला मंत्री प्रकाशभाई गामीत एवं ट्रस्टी मंडल के सदस्य एवं प्रमुख कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे अतिथि लीलाबेन बटुकभाई पटोलिया। सुनीलभाई आर पटेल अतिरिक्त कोषाधिकारी, दीपेशभाई बी पटेल हरियाली ग्रुप ट्रस्ट बेलीमोरा बाबूभाई एच पटेल जायंट ग्रुप साथ में धर्मेंद्रभाई रेवावाला और उनके सहयोगी सूरत कर्मयोगी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में टीम के लक्ष्मणभाई मोर्डिया,महेश खैनी,अशोकभाई अंधान और जशोदान शामिल थे। नरोत्तम चैरिटेबल ट्रस्ट धरमपुर के दिगंतभाई मेहता, सुनीलभाई भोया, शैलेशभाई पटेल और वांसदा तालुका के प्रकृति उपासक वांसदा के बाबूकाका की प्रेरक उपस्थिति रही थी।

इस कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चे, उनके अभिभावक,पूर्ववर्ती छात्र, ग्रामीण और बड़ी संख्या में आमंत्रित अतिथि उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। स्वागत भाषण प्राचार्य प्रतीक भाई ने दिया। संस्था के अध्यक्ष राकेशभाई ने संस्था के बारे में विशेष संबोधन दिया। संस्था के उपाध्यक्ष विजय माहला ने बड़ी मुस्कान के साथ सभी का स्वागत किया। दिल की गहराइयों से बच्चे। इस अवसर पर कर्म योग स्कूल और महादेव ग्रुप नवसारी,जिनका अमूल्य योगदान उपसल में छात्र बच्चों के लिए आवास परिसर था ।कर्म योग स्कूल और महादेव ग्रुप, नवसारी, जिन्होंने उपस्थित न होते हुए भी मदद की कार्यक्रम में खूब प्रकाश डाला और इसके साथ ही उन्होंने संस्था और बच्चों को शुभकामना पत्र के माध्यम से अपना आशीर्वाद दिया जिसमें उन्होंने बच्चों को शाश्वत सत्य के सिद्धांत, जीवन जीने की कला सीखने का आशीर्वाद देते हुए अपनी भावना व्यक्त की। आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ अपनी बौद्धिक क्षमता का विकास करें और अपने, अपने परिवार, समाज और देश के लिए वरदान बनें। इसे पढ़कर मंडली के वरिष्ठ अनुपसिंह सोलंकी और रामभाई ने अतीत पर विचार किया और भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा प्रार्थना, स्वागत गीत, देशभक्ति गीत, डांगी नृत्य सहित आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली विभिन्न रचनाएं प्रस्तुत की गईं।

 कार्यक्रम में बच्चों को प्रेरित करने के लिए पर्वतारोही भवन राठौड़ डांग की विशेष उपस्थिति सभी के लिए प्रेरणादायी रही। इस कार्यक्रम में पूर्ववर्ती विद्यार्थियों एवं दानदाताओं को फूल एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रतिभावान विद्यार्थियों को मेडल शील्ड देकर प्रोत्साहित किया गया, जिसमें बोपी आश्रमशाला की छात्रा दक्षाबेन मंगलभाई चौधरी, जिन्होंने आठवीं विश्व कप ताई-ची चव्हाण चैंपियनशिप, ताइवान में जीत हासिल कर मंडली और आश्रमशाला को विशेष गौरव दिलाया, और रियांशी संजयभाई को सम्मानित किया गया। कुरेलिया आश्रमशाला के 8वीं कक्षा के छात्र जादव जो बाल कवि थे। राज्य स्तर पर भाग लेकर अपना, अपने परिवार और स्कूल व समाज का नाम रोशन किया है और जिन विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की है। खेल के क्षेत्र को प्रोत्साहित किया गया है। पूर्व छात्रों में शंकरभाई बाबूभाई गायकवाड़ और दीपकभाई रमनभाई गवनित हैं जिन्होंने अतीत की यादों को ताज़ा किया और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।

 प्रशंसा समिति के उपाध्यक्ष विजय माहला ने सभी का हृदय से धन्यवाद किया तथा राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम का समापन किया।

 

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