तेजस्वी सांस्कृतिक केंद्र डांग में गुरु पूर्णिमा: आत्मीयता और आनंद उत्सव के अनूठे ढंग से आयोजित किया गया।

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तेजस्वी सांस्कृतिक केंद्र डांग में गुरु पूर्णिमा: आत्मीयता और आनंद उत्सव के अनूठे ढंग से आयोजित किया गया।

डांग गुजरात: दिनांक : 14 जुलाई 2025 : तेजस्वी सांस्कृतिक केंद्र वासुरना डांग में गुरु पूर्णिमा का दो दिवसीय भव्य सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस सत्संग कार्यक्रम में ब्रह्मवादी पूज्य हेतल दीदी ने सत्संग में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन निर्माण में पाँच गुरुओं का प्रमुख योगदान होता है। माता-पिता,गुरु,शास्त्र,प्रकृति और अंतरात्मा की आवाज़।
प्रकृति ही परमात्मा है। प्रकृति की पूजा का अर्थ है प्रकृति की रक्षा और विकास।
     माता-पिता की सेवा,प्रामाणिक शास्त्रों का पठन,अंतरात्मा का ध्यान ही गुरु पूजा है। जीवन में अनेक गुरु हो सकते हैं, लेकिन सच्चा गुरु एक ही होता है।
यह कहते हुए दीदी ने यह भी कहा कि आप स्वयं अपने गुरु बनें आपकी अंतरात्मा ही आपका सच्चा गुरु है।
इस गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर ब्रह्मवादी की पूज्य हेतल दीदी के सान्निध्य में अनेक लोगों ने दीक्षा ग्रहण की।

कच्छ, सौराष्ट्र, मध्य गुजरात, दक्षिण गुजरात, डांग से प्रकृति प्रेमी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।विशेष रूप से महाराष्ट्र के नासिक,पुणे से कृष्ण कुमार और पुणे से हितेशभाई,मायाबेन ने पूज्य दीदी का पारंपरिक ढोल और शक्ति प्रदर्शन के साथ सम्मान किया था।
   इस दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम के दौरान कई भक्तों ने आकर पूज्य दीदी के करकमलों से वैदिक शुद्धि के बाद दीक्षा ली और संपूर्ण सनातन धर्म पर चर्चा की गई।
निडरता और शक्ति प्रदर्शन करने वाले भाइयों,बहनों,बच्चों को आए हुए संतों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धनसुखभाई,चेतनभाई, भूदेव विशालभाई और कल्पेशभाई,रतनभाई,तेजस्वी के सांस्कृतिक परिवार,मोरे साहेब,अर्जुनभाई,शिरोड कर साहेब आदि ने कड़ी मेहनत की और कार्यक्रम को यादगार बनाया था।

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