डांग जिले के वासुरना में बना प्रकृति,संस्कृति और अध्यात्म का त्रिवेणी संगम !

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डांग जिले के वासुरना में बना प्रकृति,संस्कृति और अध्यात्म का त्रिवेणी संगम !

 शिवरात्रि के अवसर पर हजारों श्रद्धालु चंडी यज्ञ, होमटिक लघुरुद्र यज्ञ, पूजा अभिषेक, पार्थिव शिवलिंग पूजा, कुंडली जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाप्रसाद का लाभ उठा या।

डांग (गुजरात ) : दिनांक: १ मार्च २०२५ : डांग जिले के वासुरना में तेजस्विनी संस्कृति धाम में, प्रकृति, संस्कृति और आध्यात्मिकता का त्रिवेणी संगम बनाते हुए, दो दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव में भावी भक्तों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आत्म-खोज में संलग्न देखा गया।

 प्राप्त विवरण के अनुसार तेजस्विनी संक्षारिड धाम में शिवरात्रि के अवसर पर आयोजित नवचंडी यज्ञ, लघु रूद्र, पूजा अभिषेक, कुंडली जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं महाप्रसाद का हजारों श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया था।

 दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र, मध्य गुजरात सहित पूरे राज्य और यहां तक कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के दूर-दराज के इलाकों से वासुरना पहुंचे भक्त पूर्ण आध्यात्मिक माहौल में अंतर-खोज की दिशा में निकल पड़े थे।

 वसुदैव कुटुमकम की भावना के साथ यहां शिवरात्रि महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने का सौभाग्य दानदाताओं, गणमान्य व्यक्तियों, अधिकारियों, पदाधिकारियों, भाविक भक्ति सहित ग्रामीणों को मिला।

 यहां तेजस्विनी संस्कृति धाम की संस्थापिका ब्रह्मवादिनी हेतल दीदी ने ‘केवल स्वयं को खोजना है।बाकी सब तो गूगल पर हैं ही’ का उदाहरण देकर हर किसी को तलाशना होगा। का निर्देश दिया था।पूज्या दीदी ने कहा कि “भगवान खोजने से नहीं.. लेकिन खुद में खो जाने से उपदेश होते हैं..” इस वक्त बाद रात्रि के चार पहर में सैकड़ों युवा भक्त भक्ति के रंग में शिवमय हो गए और शिवत्व भक्ति का आनंद प्राप्त कर लिया था। वैदिक पूजा पाठ सहित आचार्य श्री केतन दादा के कार्यक्रमों में डांग में शैक्षिक एवं आध्यात्मिक क्रांति लाने वाले संत श्री पीपी स्वामीजी, संत श्री बाबूराम, कथावाचक जतिनभाई, धर्मेशभाई भी शामिल हुए थे।

 इस बीच तेजस्विनी संकृष्ण धाम सपरिवार पहुंचे डांग के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) जिग्नेशभाई त्रिवेदीजी भी शामिल हुए और साधना की। कार्यक्रम को सफल और समृद्ध बनाने के लिए धनसुखभाई, दिनेशभाई, चेतनभाई, नेमुभाई, बेलाबेन सहित तेजस्वी संस्कृति परिवार के सभी लोगों ने कड़ी मेहनत की थी।

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