गुजरात से महाराष्ट्र के नासिक से जोड़ने वाले मार्ग पर उमरपाड़ा के पास चक्काजाम आंदोलन।

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डांग जिले में सापूतारा को नासिक से जोड़ने वाले उमर पाड़ा आरटीओ चेक पोस्ट पर पेसा कानून के तहत विभिन्न मांगों को लेकर सड़क जाम आंदोलन।

सापुतारा– डांग (गुजरात) : दिनांक: २२ अगस्त २०२४ : डांग जिले में सापूतारा को नासिक से जोड़ने वाले उमर पाड़ा आरटीओ चेक पोस्ट पर पेसा कानून के तहत विभिन्न मांगों को लेकर सड़क जाम आंदोलन।

आंदोलन से लगातार इस मार्ग पर से गुजर रहने वाले हर वाहन सापुतारा नासिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात अनिश्चित काल के लिए ठप हो गये थे। दुसरी तरफ महाराष्ट्र के पड़ोसी जिले डांग में भी कुछ असर दिखाई मिली थीं। जहां 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा का डांग जिले में मिश्रित प्रतिक्रिया हुई,जहां केवल सुबीर में सख्त बंद देखा गया,लेकिन अहवा और सापुतारा में नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इसके अलावा वाघई में मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली।जिसमें डांग जिले के कुछ गांवों में ग्रामीणों ने इस बंद का समर्थन किया,सुबीर में जन जीवन सामान्य रूप से चलता दिखा, लेकिन व्यापारी बंधुओं ने स्वेच्छा से भारत बंद का समर्थन किया।हालांकि, सापुतारा और अहवा के बाजार सामान्य दिनों की तरह चलते नजर आए। इसके अलावा वाघई में भी मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एक ओर जहां उपजातियों के वर्गीकरण लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दिए गए फैसले के खिलाफ आदिवासी समाज ने भारतबंद का ऐलान किया था। दूसरी ओर,महाराष्ट्र के नासिक जिले के सुरगाना तालुका के कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक जेपी गावित ने सुरगाना और आसपास के सभी आदिवासी जनजातियों की ओर से अनिश्चित काल तक चक्काजाम आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया था। जो 21 अगस्त को सुबह ग्यारह बजे से महाराष्ट्र के सापुतारा को नासिक से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के उमरपाड़ा के दीगर टोलनाका पर।अनिश्चित काल तक चक्काजाम आंदोलन जारी रखा था। हालांकि ये भी गौरतलब हैं की कई उम्मीदवार महाराष्ट्र में पेसा सेक्टर के 17 कैडर में नौकरियों के लिए पात्र हैं।लेकिन महाराष्ट्र सरकार जानबूझकर उन रिक्तियों को नहीं भर रही है। ऐसा भी आक्षेप कर के कई योग्य युवा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करके विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस आंदोलन में कई राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपना समर्थन दिखाया। और महाराष्ट्र के सुरगाना तालुका के बोरगांव,सुरगाना,पलासन उम्बरथाना बा-हे सरद में भी आज हाट बाजारों को सख्ती से बंद रखा गया था। साथ ही तालुका के अस्पताल को छोड़कर सरकारी दफ्तरों को बंद रखा गया था। और जहां स्थानीय पुलिस ने कड़ी व्यवस्था की थी। इधर पूर्व विधायक जेपी गावित ने कहा कि सरकार को पेसा कानून के तहत 17 कैडरों में योग्य युवाओं को तत्काल रोजगार के लिए स्थायी आधार पर नियुक्त करना चाहिए।पेसा क्षेत्र में वन भूमि अधिनियम को सख्ती से लागू करना चाहिए, आदिवासियों के लिए सभी प्रावधानों को लागू करना चाहिए।पेसा अधिनियम और आदिवासी लाभार्थियों को रियायतें तुरंत दी जानी चाहिए। इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य के उमरपाड़ा में चक्काजाम के कारण गुजरात एसटी निगम की महाराष्ट्र में चलने वाली एसटी बस बंद होने से यात्री सापुतारा एसटी डिपो में फंस गए थे। फिर 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा के साथ ही सापुतारा को नासिक से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क जाम कर दी गई थी। गुजरात एसटी निगम की वणी,सप्तश्रृंगी गढ़,कलवन,नासिक,शिरडी, पुणे जाने वाली एसटी बसों के पहिए सापुतारा एसटी डिपो पर रुक गए थी।

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