डांगी संस्कृति के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।

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डांगी संस्कृति के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।

डांग (गुजरात) : विश्व पर्यावरण दिवस,5 जून के अवसर पर हरियाली ग्रुप ट्रस्ट बीलीमोरा और तेजस्विनी संस्कृति धाम की संयुक्त पहल से डांग के तेजस्विनी संस्कृति धाम में छोटे पैमाने पर तीन अलग-अलग प्रकृति परियोजनाओं को पुनर्जीवित किया गया। इस अवसर पर छोटे बड़े 2000 से अधिक वृक्षों का रोपण, वर्षा जल संचयन के लिए 300 फीट लंबी-डेढ़ फीट चौड़ी एवं गहरी नालियों का भी निर्माण रूप दिया। और साथ ही साथ दो पुराने कुएं एवं 350 फीट के एक बोर को आधुनिक तरीकों से रिचार्ज कर पुनः क्रियाशील किया गया। सुश्री ब्रह्मवादी की पूज्य हेतल दीदी, प्राचार्य केतन दादा,नितिन भाई मेहता दानदाता,हरियाली ग्रुप ट्रस्ट के अध्यक्ष दीपेशभाई पटेल, वसूर्णा के राजा साहब, वन विभाग के आईएफएस अधिकारी सुरेश मीनाजी,एसीएफ आरतीबेन डामोर,आरएफओ सरस्वती भोन्या सहित अन्य स्थानीय नेता उपस्थित थे।कार्यक्रम की शुरुआत डांगी सांस्कृतिक नृत्य के साथ हुई,अतिथियों का स्वागत प्रार्थना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, इसके बाद डॉ.नील देसाई ने जीवन के लिए पर्यावरण के महत्व,वर्षा जल संचयन की आवश्यकता और महत्व तथा हरित समूहों की गतिविधियों के बारे में बुनियादी जानकारी दी।पूज्य हेतल दीदी ने उपस्थित सर्वेक्षकों को आशीर्वाद दिया और उनसे प्रकृति के प्रति सम्मान बनाए रखने का आग्रह किया, साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को अपने भाषण में पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए भी कहा। बाद में,अतिथियों द्वारा उस स्थान पर पारिजात,बिली,वड,पिपला,गरमालो जैसे विभिन्न पौधे लगाए गए।श्रीफल एवं कंकू चावल अर्पित करने के साथ ही आधुनिक पद्धति से पुनर्भरण के लिए दो कुएं एवं एक वर्ष पुराने बोर तैयार कराये गये। जिसमें इस मानसून में कई हजार गैलन बारिश का पानी जमीन में डाला जा सकेगा। आज इस कार्यक्रम के संयोजक हरियाली ग्रुप के डॉक्टर नील देसाई और मुकेशभाई पटेल ने पूरी जिम्मेदारी निभाई।

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