डांग जिले में पानी की विकट परिस्थिति उदभवने से आने वाला लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका पड़ सकता है।
डांग जिले में पानी की विकट परिस्थिति उदभवने से आने वाला लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका पड़ सकता है।
डांग (गुजरात) : डांग जिले के गांवों में सवाल उठ रहा है। कि महिलाएं पानी के लिए संघर्ष कर रही हैं और दूसरी ओर, मोदी सरकार की हर घर नल योजना की गारंटी को सत्तारूढ़ दल के लिए वोट पाने के लिए कड़ी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है।
90 फीसदी आदिवासी क्षेत्र वाले डांग जिले में एक तरफ मोदी की बीजेपी सरकार हर घर नल से जल योजना का वादा कर रही है।लेकिन यहां डांग जिले में जलापूर्ति व्यवस्था के अधिकारियो और स्थानीय सरकार के सत्ताधारी भाजपा पक्ष के नेताओं की गलती के कारण मोदी सरकार की गारंटी खोखली साबित हो रही है।एक तरफ लोकसभा चुनाव का माहौल है और ऐसे में स्थानीय विधायक और बीजेपी नेता घर-घर जाकर जनसंपर्क कर मोदी सरकार की बड़ी विकास यात्रा के वादों का बखान कर रहे हैं।लेकिन इन सज्जनों ने चुनाव जीतने के बाद पिछले पांच वर्षों में कोई काम नहीं किया और जो भी सरकारी अनुदान आया उसे अपना पैसा समझकर पानी के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के खेतों या घरों में हैंडपंप के बोर खुदवा दिए लेकिन जनता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।इस बात की सुगबुगाहट सुनने को मिल रही है कि स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है।कुछ ग्रामीणों का कहना है कि पानी का नल लगा दिया गया है।तब से आज तक उन पाइपों में पानी नहीं आया।और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी जांच की।या शून्य लागू कर दिया गया है।लेकिन इसमें पानी है या नहीं यह तो जलदाय विभाग के अधिकारी ही जानते हैं इसलिए गांव के लोग कुएं से पानी भरकर घर लाते हैं।फिर देखने वाली बात ये होगी कि अगर पूरा गांव उस कुएं से पानी लेकर आता है तो आने वाले समय में कुएं में पानी होगा या नहीं।ऐसे में डांग जिले में गांव के लोगों की मांग सामने आई है कि जलदाय विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गांवों में पानी की समस्या का समाधान करें।और तो और ऐसे तमाम विकास कार्यों में स्थानीय विधायक या जिला पंचायत अध्यक्ष और वर्तमान सांसद भी डांग के विकास में कमजोर साबित हो रहे हैं और अब स्थानीय गांवों में चर्चा है कि सत्ताधारी दल बीजेपी को लोकसभा चुनाव मे बड़ा झटका लगने का पुरा संभव है।