मांडवी में राजपूत राजवंशी भाइयों की एक सामाजिक सभा आयोजित की गई।

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मांडवी में राजपूत राजवंशी भाइयों की एक सामाजिक सभा आयोजित की गई।

मांडवी में राजपूत राजवंशी भाइयों की एक सामाजिक सभा आयोजित की गई।

वांसदा/डांग (गुजरात) : देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। समय के गर्भ में मौजूद अपनी बहुमूल्य ऐतिहासिक विरासत को पहचानना, उसे संरक्षित करना और आधुनिक समय में नई पीढ़ी के सामने उजागर करना हमारा सामाजिक दायित्व है। यह आवश्यक है कि वर्तमान एवं भावी पीढ़ी हमारे गौरवशाली इतिहास से अवगत हो। ऐसे ही एक प्रशंसनीय प्रयास को आगे बढ़ाते हुए, क्षत्रिय खेंगार राजपूत समाज ने सूरत जिले के मांडवी में अपने समुदाय के सदस्यों के साथ एक अभिनंदन बैठक और मैत्रीपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिससे बुंदेलखण्ड के शक्तिशाली राजा खेतसिंहजी खेंगार के साथ एक ऐतिहासिक संबंध स्थापित हुआ।

 इतिहास में लिखे इतिहास के अनुसार विक्रम संवत 1182 में छत्रसालजी उर्फ रा’दियासजी 103 घुड़सवारों के साथ माणेकराव उर्फ रुणदेवजी के पुत्र राकावतजी उर्फ खेतसिंहजी खेंगार की मदद से 103 घुड़सवारों के साथ गढ़कुंडार गए थे। गढ़ जूनाणा (जूनागढ़)। तब से लेकर अब तक यानी विक्रम संवत 1182 से 2080 तक, यशस्वी राजा साहेब वीरभद्रसिंहजी विक्रमसिंहजी चुडास्मा के पुत्र, रा’दियासजी के प्रत्यक्ष वंशज, और गणफ राज्य के युवराज साहेब कृष्णराजसिंहजी वीरभद्रसिंहजी चुडास्मा, भाइयों के 898 वर्षों के बाद सूरत जिले के गढ़कुंडार के खेतसिंहजी खेंगार राजवंश के। मांडवी में दौरा किया।

अपनी यात्रा के दौरान, उनके साथ राजपुत राजवंश के सर सेनापति किशोर सिंह चुडासमा, राजपुत राजवंश के बारोट विजय सिंह, राजपुत राजवंश इतिहास अनुसंधान समिति के हरपाल सिंह सरवैया और राणा समाज के अध्यक्ष निरुभा भी शामिल हुए। राणा आदि।

 युवराज साहब ने इतिहास के पन्ने खोले, भादरवा राज्य के सेनापति बब्बर सिंह राणा और शेर सिंह राणा की युद्ध में मदद करने के लिए गढ़कुंडार से गुजरात आये खेंगार बंधुओं की कहानी। 1820 में यह लड़ाई तापी नदी के किनारे मांडवी के पुराने गांव के आसपास लड़ी गई थी। जिसमें दुर्भाग्यवश बब्बर सिंह राणा एवं शेर सिंह राणा की मृत्यु हो गयी। गढ़कुंडार से यहां मदद के लिए आये उन खेंगार सेना के परिवार यहां बस गये, जो अब तापी नदी के किनारे मांडवी (सूरत) और उसके आसपास के गांवों में रहते हैं। इस इंटरव्यू के दौरान इतिहास खंगालते हुए ये बात कही गई.

 तापी स्थित मांडवी के क्षत्रिय खेंगार राजपूत समाज के परिसर में आयोजित इस ऐतिहासिक स्नेहमिलन कार्यक्रम के दौरान समाज के श्रेष्ठजन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। : _खास अहेवाल मनोज खेंगार

 

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