डांग जिले का सुबीर वन परिक्षेत्र रिजर्व वन क्षेत्र में 120 हेक्टेयर भूमि का अनाधिकृत अतिक्रमण हटाया गया।

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डांग जिले का सुबीर वन परिक्षेत्र रिजर्व वन क्षेत्र में 120 हेक्टेयर भूमि का अनाधिकृत अतिक्रमण हटाया गया।

(डांग सूचना ब्यूरो) आहवा :दिनांक: 31:

वन विभाग द्वारा वन संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियाँ की जा रही हैं।स्थानीय लोगों के साथ टकराव से बचने और जंगल की देखभाल के लिए वन कर्मियों को 24 घंटे तैनात किया जाता है।जिले के वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अनाधिकृत अतिक्रमण न हो तथा वनीकरण की प्रक्रिया सफल हो इसके लिए वनकर्मियों द्वारा सघन प्रयास किये जा रहे हैं। गत दिवस 29 दिसंबर को उत्तर वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में सुबीर रेंजमें शामिल पीपल दहाड़ दौर के जामनसोंढा बिट का आरक्षित वन जिसका क्षेत्र तापी जिले तक फैला हुआ है।क्षेत्र में वन कर्मियों द्वारा अनधिकृत खेती में लगे इस्मान को जंगल का महत्व समझाकर वन विभाग द्वारा आरक्षित वन के दबाव को चतुराई से हटा दिया गया।उत्तरी उप वन संरक्षक दिनेश रबारी के मार्गदर्शन में सुबीर रेंज के आरएफओ अमित भाई और उनकी टीम के साथ शिंगाणा रेंज पिपलाईदेवी रेंज लवचाली रेंज के साथ रिजर्व फॉरेस्ट में अनाधिकृत अतिक्रमण हटाया गया। गुजरात राज्य वन विभाग द्वारा हर साल हजारों हेक्टेयर में पेड़ लगाए जाते हैं।जिसके तहत उत्तर वन विभाग की टीम ने पिछले कुछ महीनों से आरक्षित वन क्षेत्र में चल रहे अनाधिकृत दबाव के बारेमें बताया और दबाव को दूर किया और वन विभाग क्षेत्र में पौधारोपण कर जंगल को बहाल करेगा।उत्तर उप वन संरक्षक दिनेश रबारी ने बताया कि सुबीर रेंज में आरएफओ तथा निकटवर्ती रेंज के वन कर्मियों के साथ वन विभाग की टीम के सघन प्रयासोंसे आरक्षित वन क्षेत्रमें वर्षोंसे हो रहे अनाधिकृत अतिक्रमणको हटा दिया गया तथा आरक्षित वन क्षेत्र की 120 हेक्टेयर शासकीय भूमि वापस कर दी गयी। इस आरक्षित वन भूमि पर वन विभाग द्वारा विभिन्न वनीकरण गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी।वन विभाग द्वारा किये गये इस सराहनीय कार्य से डांग जिले की वन संपदा में वृद्धि होना निश्चित है।साथ ही भविष्य में स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों को विभिन्न वन उत्पादों का स्रोत भी मिलेगा। दिनेश रबारी ने लोगों से वन भूमि पर अधिक दबाव न डालने और वन की रक्षा करने की भी अपील की। डांग जिला वन विभाग वन सुरक्षा के लिए संवेदनशील और शीर्ष स्थानों पर अंतर-रेंज बीट सत्यापन,रात्रि पेट्रोलिंग ओस संरक्षण,जंगल की निगरानी किया जाति है।गौरतलब है कि नॉर्थ डांग वन विभाग की ओर से हर साल विभिन्न पौधे लगाए जाते हैं। स्थानीय लोगों को जंगलों से कमाई करने में सक्षम बनाने के लिए वन विभाग द्वारा मल्की योजना, वन लक्ष्मी योजना लागू की गई है। स्थानीय समुदायों को वन औषधीय पौधों के वितरण के अलावा, वन क्षेत्रों में औषधीय पौधे भी लगाए जाते हैं। इसके अलावा स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए वाड़ी योजना, मशरूम की खेती, सफेद मूसली की खेती और अन्य उपकरण सहायता प्रदान की जाती है। इस प्रकार उत्तर उप वन संरक्षक के नेतृत्व में वन विभाग ने नागरिकों के साथ मिलकर एक बार फिर वन संरक्षण का अद्भुत कार्य किया है। 

 

 

 

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