डांग जिले के आहवा तालुका में शामिल धवलीदोड ग्राम पंचायत के कोटबा गांव में ग्रामीण सड़कों में नालियों के निर्माण काम में खराबकार्य की सुगबुगाहट सुनी गई है.

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डांग जिले के आहवा तालुका में शामिल धवलीदोड ग्राम पंचायत के कोटबा गांव में ग्रामीण सड़कों में नालियों के निर्माण काम में खराबकार्य की सुगबुगाहट सुनी गई है.

डांग जिले के आहवा तालुका में शामिल धवलीदोड ग्राम पंचायत के कोटबा गांव में ग्रामीण सड़कों में नालियों के निर्माण काम में खराबकार्य की सुगबुगाहट सुनी गई है।

डांग (गुजरात) : १८/२३: डांग जिले के आहवा तालुका में शामिल धवलीदोड ग्राम पंचायत के कोटबा गांव में ग्रामीण सड़कों में नालियों के निर्माण काम में खराबकार्य की सुगबुगाहट सुनी गई है.
स्थल निरीक्षण के अनुसार आहवा तालुका के स्थानीय धवलीदोड समूह ग्राम पंचायत द्वारा लाखों रुपए की लागत से बनाए जा रहे कोटबा गांव में दो अलग-अलग ग्रामीण सड़कों पर नालियों को केवल मिट्टी से भर दिया गया है और फिर इस कार्य में कंक्रीट डाल दिया जाएगा। ये साफ है कि यह काम ऊपर से किया जायेगा। क्या ये काम खुद स्थानीय ग्राम पंचाएत कर रही है या कोई प्राइवेट एजंसी कोंट्राकट करार से हो रही है और गांव के स्थानीय लोगों को मजदूरी में रखकर रोजगारी दी जा रही है वो भी जांच का विषय है।स्थल पर रेत और कपची भी डाल दी गई है लेकिन इस कोटबा गांव की दो सड़कों पर नाली बिछाने का काम साफ तौर पर साबित कर रहा है कि नालियों को पहले सीमेंट कंक्रीट से भरना और फिर मिट्टी भरना जरूरी है लेकिन कार्य कर रही एजेंसी ने पहले मिट्टी भर दी गई है, निचली जगह पर सीवरेज खोद दिया गया है, जिसके बाद दीवार का निर्माण कर दिया जाएगा और स्थानीय लोगों के बीच यह भी चर्चा है।
क्या ? स्थानीय तालुका स्तर पर किसी भी जिम्मेदार तकनीकी पर्यवेक्षक के पास सरकारी कार्य में कार्यरत एजेंसी के काम पर आवश्यक मार्गदर्शन के लिए इन लाखों रुपये का काम की निरीक्षण करने का समय नहीं था, अन्यथा कार्य पूरा होने के बाद ऑफिस में बैठकर ही तकनीकी एमबी बनाकर धनराशि पारित कर दी जाएगी ? यह एक अद्भुत प्रश्न है।
तो क्या? फिर नौनियुक्त आहवा तालुका विकास अधिकारी अल्पना नायर गंभीरता से ध्यान देंगी और आवश्यक निरीक्षण करेंगी या नहीं..????..
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी कहते हैं कि मैं न खाता हूं और न किसी को खाने देता हूं, लेकिन उसके ही गुजरात के अंतिम छोर पर उनके बेहद पिछड़े डांग जिले में हर विकास कार्य में भ्रष्टाचार की बू स्थानीय स्तर पर चमक रही है आए दिन मीडियामें उजागर होता भी है लेकिन यहां डांग जिले के बडी चमड़ी वाले राजकीय नेताओं और अधिकारीओ को कुछ नही पड़ी है। येभी चर्चा हो रही है कि भले ही बाबू कुछ गलत करते हैं और मीडिया में छप जाता है, लेकिन स्थानीय जिले के बेहद जिम्मेदार अधिकारी या सचिवालय गांधीनगर में बैठे सनदी अधिकारियो को ऐसा लगता है की इससे कोई लेना-देना नहीं है। और बेजवाबदारी हो रहे हैं। 

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