डांग जिले के पर्यटन स्थल कलंब डूंगर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले का आयोजन किया जाएगा।

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डांग जिले के पर्यटन स्थल कलंब डूंगर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले का आयोजन किया जाएगा।

।   डांग ( गुजरात) : १३/२३:डांग जिले के अमसरवलन गांव के पास आस्था के प्रतीक कलंब डूंगर में हर साल की तरह कल यानी 14 नवंबर को नववर्ष समारोह के मौके पर आदिवासी भाई-बहन एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं। वे अपनी अनूठी संस्कृति को बजाने के लिए वेशभूषा और वाद्य यंत्रों से अवगत कराएंगे। एक लोक परंपरा के अनुसार, डांग को जिले के सबसे ऊंचे पर्वत के रूप में जाना जाता है,

जबकि सात माताएं (डांगी बोली में पहाड़ी देवी के रूप में मानी जाती हैं जैसे तंदलासवर, साकलासवर, घुंघासवर, दूधमासवर, रेशमासवर, कालासवर और फुल्लासवर) हैं। यहां स्थित है। यहां आदिवासियों के आराध्य देव हनुमानजी का स्थान भी है जिनकी पूजा भी की जाती है। आज भी लोग यहां साल में कई बार नृत्य और विशेष कार्यक्रमों के दौरान इकट्ठा होते हैं।          प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर मनमोहक वातावरण वाले कलंब डूंगर में इस वर्ष भी नववर्ष के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया है। सात देवियों का निवास होने के कारण यहां विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है। नववर्ष के दिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं भक्त भक्ति में भाग लेते हैं और आरती में शामिल होते हैं।                                                  यहां पहुंचने के लिए वाघई से दोडीपाड़ा रोड पर 25 किमी, वाघई सापूतारा रोड के नानापाड़ा गेट से 8 किमी और वाघई आहवा रोड पर धुलचोंद गेट से 4 किमी दूर है।

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